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    न्यायालय के बारे में

    इतिहास

    सीधी राजस्व जिले का गठन रीवा रियासत से निर्माण किया गया था। आजादी के 27 वर्षों बाद न्यायिक जिला सीधी का गठन किया गया। दिनांक 12.04.1975 को सीधी जिले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश की न्यायालय का उद्घद्याटन माननीय उच्च न्यायालय म.प्र. जबलपुर के न्यायाधीश श्री न्यायमूर्ति आर.के. तन्खा जी के कर कमलों से किया गया। तत्कालीन जिले के जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री एस.डी. झा एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सूर्य कुमार तिवारी जी थे। पूर्व में न्यायालय कोतरकलाॅ स्थित पुराने न्यायालय (जज्जी भवन) में संचालित होता था, जो कि सन् 1985 तक संचालित रहा।

    सन् 1975 में न्यायिक जिला स्थापित होने के पूर्व सीधी जिले में, सीधी मुख्यालय के अतिरिक्त व्यवहार न्यायाधीश के न्यायालय भी तहसील स्तर पर संचालित रहे थे, जिनमें से व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 बैढ़न एवं देवसर उसके पश्चात् सन् 1985 में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 मझौली की 7 दिवस के लिये मझौली में श्रृंखला न्यायालय की स्थापना होकर संचालित हुई। कालांतर में यह न्यायालय 15 दिवस के लिये श्रृंखला न्यायालय हो गई। उसके पश्चात् सन् 2000 से अब तक नियमित रूप से मझौली में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 की न्यायालय संचालित है। वर्तमान में मझौली में ग्राम न्यायालय की भी स्थापना हो चुकी है। इसी प्रकार मझौली में व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-1 जो कि ग्राम न्यायालय के न्याय अधिकारी भी है तथा एक अन्य पद व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-2 भी संचालित है।
    सन् 1975 में सीधी न्यायिक जिले का गठन होने के समय कोतरकलाॅ स्थित न्यायालय भवन में जिला न्यायालय संचालित होता था। कालांतर में पुराने न्यायालय भवन में स्थान कम पड़ जाने के कारण सन् 1981 में करौंदिया में पुराने टोला में कलेक्ट्रेट के सामने दिनांक 22.05.1981 को म.प्र. के तत्कालीन मुख्यमंत्री माननीय कुंवर अर्जुन सिंह जी द्वारा भवन का शिलान्यास किया गया था । भवन का निर्माण पूर्ण होने के पश्चात् दिनांक 23.12.1985 को माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति माननीय श्री न्यायमूर्ति जगदीश शरण जी वर्मा द्वारा वर्तमान जिला न्यायालय भवन लोकर्पित किया गया।

    वतर्मान में जिला सीधी में ३ व्यवहार न्यायालय क्रमशः मझौली, चुरहट, रामपुर नैकिन, है एवं रामपुर नैकिन में श्रृखला न्यायालय भी संचालित है। साथ ही जिला न्यायालय परिसर में ही प्रधान न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय भी संचालित है।